News

मुम्बई भाजपा द्वारा मा. राज्यपाल के निर्देशन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हनन की जाँच की मांग

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी मुम्बई*(MUMBAI) अध्यक्ष व विधायक मंगलप्रभात लोढ़ा (MANGAL PRABHAT LODHA )जी के नेतृत्व में स्थानीय विधायक तथा मुम्बई सोशल मीड़िया व आई.टी. सेल टीम का एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार, १० नवंबर को राजभवन में जाकर राज्यपाल मा. भगत सिंह कोश्यारी जी से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल मा. भगत सिंह कोश्यारी जी को बतलाया कि आज जब आम नागरिक और पत्रकार सत्तारूढ़ पार्टी पर सवाल उठा रहे हैं, तो सत्तारूढ़ दल अपनी असफलताओं को ढंकने के लिए आम नागरिकों और मीडिया की आवाज़ को चुप कराने की कोशिश कर रहा है। इन लोगों को विभिन्न माध्यमों से धमकाया जा रहा है और उन पर कार्यवाही की जा रही है। अब तक, महाराष्ट्र में लगभग ५६ ऐसे अपराध दर्ज किए गए हैं। जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया पत्रकार, सोशल मीडिया पर लिखने वाले लोग और YouTube चैनल चलाने वाले लोग शामिल हैं।

इस अवसर पर मुम्बई भाजपा अध्यक्ष व विधायक मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देश के सभी नागरिकों को मिले मौलिक मानवाधिकारों में से एक है। आज दुनिया भर के सभी लोकतंत्रिक देश अपने नागरिकों को इस स्वतंत्रता की गारंटी देता हैं, और इसे बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है कि महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में, आज इन मौलिक अधिकारों का लगातार हनन किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया पत्रकार, सोशल मीडिया पर लिखने वाले लोगों पर झूठे केस कर अवाज को दबाने की नकाम कोशिश जारी है।

इस अवसर पर मुम्बई भाजपा आई.टी व सोशल मीडिया सेल के संयोजक प्रतीक कर्पे ने बतलाया कि इस विषय पर  03 नवंबर, 2020 को महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, पुलिस महानिर्देशक आदि के साथ हमने पत्र-व्यवहार कर, उन्हें इससे अवगत कराने का प्रयास किया। लेकिन अभी तक उनसे कोई जवाब नहीं मिला है।

इस अवसर पर मुम्बई भाजपा(BJP) अध्यक्ष व विधायक  मंगल प्रभात लोढ़ा के साथ महाराष्ट्र विधान परिषद प्रतिपक्ष नेता प्रवीण दरेकर, संसद गोपाल शेट्टी, विधायक आशीष शेलार, योगेश सागर, भाई गिरकर, मनीषा चौधरी, भारती लवेकर, सुनील राणे, कैप्टन तमिल सेल्वम, पराग अलवनी आदि साथ में थे। मुम्बई भाजपा कि ओर से महामहीम राज्यपाल मा. भगत सिंह कोश्यारी जी से मांग की गई कि, महाराष्ट्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुद्दे पर जिन 50 से अधिक लोगों पर अपराधिक मुकदमें दर्ज किए गये है, मा. राज्यपाल के निर्देशन में उन सभी की जांच एक विशेष कमेटी द्वारा किया जाये। उस विशेष कमेटी में पूर्व न्यायधीश, आर.टी.आई. एक्टिविस्ट, वरिष्ठ मीड़िया प्रतिनीधि आदि से एक-एक सदस्यों को शामिल किया जाये, जिससे निष्पक्ष जाँच संभव हो सके।

**

Back to top button