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… ताकि लवजिहाद की भेंट नहीं चढ़े कोई श्रद्धा

महाराष्ट्र में अंतर्धार्मिक एवं अंतर्जातीय विवाह समन्वय समिति के गठन को लेकर एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने आक्रामक रुख अपनाया है और इसे वापस लेने की मांग की है। उन्होने लव जिहाद को बकवास बताते हुए कहा कि ‘लव जिहाद का डर दिखाकर सरकार जाति और वर्णव्यवस्था को मजबूत करने का काम कर रही है।उनका कहना है , सरकार का यह सर्कुलर संविधान विरोधी और मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण करने वाला है। इस व्यवस्था के तहत अंतरधार्मिक विवाह से पहले इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी। इसके बाद सरकारी पैनल लड़के-लड़कियों के अभिभावकों से इसकी चर्चा करेगी। ऐसे विवाहों का रिकॉर्ड रखने का सरकार को क्या अधिकार है? शादी हर शख्स का पर्सनल मामला है , सरकार तुरंत यह कदम वापस ले’। उन्होने इसका विरोध करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार को लोगों के निजी जीवन की की जासूसी करने का कोई अधिकार नहीं है।इसको राज्य में समान नागरिक संहिता से जोड़ते हुए उन्होने कहा कि इस देश में समान नागरिकता संहिता की आवश्यकता नहीं है।

https://www.aajtak.in/india/maharashtra/story/shinde-government-to-monitor-inter-caste-and-inter-religious-marriages-in-maharashtra-ntc-1594837-2022-12-14

उल्लेखनीय है कि शिंदे सरकार द्वारा अंतर्धार्मिक विवाह का डेटा जुटाने की नीति बनाने के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया है ताकि भविष्य में श्रद्धा वालकर (shradha walker) हयताकाण्ड जैसी दुर्घटनाओं की पुनरावृति नहीं हो।

जहां तक ‘लवजिहाद ‘ को बकवास बताने की बात है ,वर्ष 2009 में केरल की अदालत ने कहा था कि, लव जिहाद के जरिये इस राज्य को इस्लामिक स्टेट बनाने की साजिश हो रही है

https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-attack-kerala-government-on-love-jihad-1783508

उस मामले में ,पीड़ित महिला हादिया के पिता की तरफ से वकील माधवी दीवान ने कहा कि हादिया एक असहाय पीड़ित है, जो बुरी तरह ऐसे गिरोह में फंस गई, जो मनोवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को इस्लाम अपनाने को प्रेरित करता है। वकील ने कहा कि उनकी बेटी पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया व आईएस से संबंध वाले एक नेटवर्क में फंस गयी है

https://www.aajtak.in/india/story/kerala-love-jihad-supreme-court-marriage-458740-2017-08-16

केरल के चर्चित लव -जिहाद मामले की जांच अब सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए के हवाले कर दिया और NIA से कहा था कि वह देखें क्या इसमें कोई ISIS का एंगल है?

‘देश को समान नागरिकता संहिता की आवश्यकता नहीं ‘ कहनेवाले की पार्टी ने गोवा में चुनाव लड़ते समय अपने घोषणा -पत्र में इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया कि गोवा में 1867 से लागू समान नागरिकता कानून को सत्ता में आने के बाद वह निरस्त कर देगी। गोवा में समान नागरिकता कानून पर चुप्पी साधनेवालों का महाराष्ट्र में इससे देश में उथलपुथल मचने और अव्यवस्था फैलने का शोर मचाना समझ से परे है।

हमारा मानना है कि महाराष्ट्र सरकार ने बहुत अच्छा निर्णय लिया है और विभागीय मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा की अध्यक्षता में गठित 13 सदस्यीय समिति जल्द -से -जल्द अपने अध्ययन एवं सुझाव देकर महाराष्ट्र सरकार को इस दिशा में कठोरतम कानून बनाने के लिए आधार उपलब्ध कराए जिससे न केवल कन्वर्जन रुके बल्कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि बेटियां सुरक्षित रहें। हमारी संस्कृति ‘नारी की पूजा और उनकी सुरक्षा ‘ की है तो उस दिशा में हिंदुत्ववादी सरकारों को सुदृढ़ पग उठाना ही चाहिए।

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