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बाल सुधारगृह में मुस्लिम बनाए गए बच्चों की विधिवत घरवापसी

हसीन परवेज के विरुद्ध जांच , दोषी को होगी ५से १० साल की जेल

भोपाल के निकटस्थ रायसेन में बाल सुधार गृह के संचालक हसीन परवेज द्वारा पिछड़े वर्ग के तीन बच्चों को मुसलमान बनाकर उनके आधार कार्ड वगैरह बनवा लिए जाने के सम्बन्ध में नवीनतम जानकारी है कि 4, 6 और 8 वर्ष के इन बच्चों को विधिवत हिन्दू बना लिया गया है ( जिनमें 2 लड़कियाँ और 1 लड़का है ) और उनके पिता को उन्हें सौंप दिया गया है।

रायसेन के पुलिस अधीक्षक ने फोन पर जानकारी दी कि हिन्दू बच्चों को मुसलमान बनाकर स्वयं को उनका अभिभावक बनानेवाले हसीन परवेज के विरुद्ध जांच का दायित्व रायसेन के जिलाधिकारी ने परियोजना पदाधिकारी को सौंपी है। जांच रिपोर्ट आने पर दोषी के विरुद्ध कानून सम्मत कार्यवाही की जाएगी। भोपाल उच्च न्यायालय की एक वरिष्ठ न्यायाधीश ने बताया कि प्रथम दृष्टया हसीन परवेज जानबूझकर अबोध बच्चों का कन्वर्जन का दोषी दिखता है।यह बात यदि जांच रिपोर्ट में आयी तो हसीन परवेज को ५ से दस वर्ष की जेल हो सकती है और उसके एन जी ओ ‘नवजीवन सामाजिक संस्था’ का पंजीयन भी रद्द हो सकता है।

उल्लेखनीय है कि कोरोनाकाल में ये बच्चे अपने माता -पिता से बिछड़कर भोपाल पहुंच गए थे।ये बच्चे मध्यप्रदेश के ही दामोह जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं जो हिन्दू धर्म के OBC वर्ग से हैं। उस समय भोपाल बाल कल्याण समिति नाम की संस्था ने इन बच्चों को रायसेन बाल कल्याण समिति को सौंपा था।बाद में रायसेन बाल कल्याण समिति ने इन्हें गौहरगंज के शिशु गृह में भेज दिया था। ये तीनों भाई-बहन गत 3 साल से हसीन परवेज द्वारा चलाए जा रहे गोदी बाल शिशुगृह में रह रहे थे।अपने बचाव में परवेज ने अधिकारियों को बताया है कि जो व्यक्ति बच्चों को उनके पास छोड़ने आया था, उसने तीनों बच्चों के मुस्लिम होने की जानकारी दी थी।लेकिन प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि तीनों बच्चों ने अपना नाम तथा अपने माता – पिता का नाम हसीन परवेज को भी बताया था।

परवेज की इस करतूत का संज्ञान शनिवार (12 नवंबर, 2022) को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने लिया है और जिला प्रशासन को शिशु गृह संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिये हैं।हसीन परवेज गौहरगंज के गोदी शिशुगृह को ‘नवजीवन सामाजिक संस्था’ नाम से चलाता है। इस शिशुगृह को सरकार द्वारा अनुदान मिलता है। उसकी एक क्लीनिक भी है। आरोप है कि हसीन परवेज ने इन तीनों बच्चों के आधार कार्ड मुस्लिम नाम से बनवा डाले थे। इन आधार कार्डों में उसने खुद को बच्चों का गार्जियन दिखाया था। इसमें से एक बच्चे का नाम शाहरुख़ रखा गया था। हसीन परवेज के करतूतों की पोल तब खुली जब राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो खुद इस शिशु गृह की जाँच के लिए गए थे। उन्हें किसी के द्वारा मौखिक रूप से परवेज की हरकत की शिकायत मिली थी।

कानूनगो के आदेश पर जिला प्रशासन ने हसीन परवेज पर FIR दर्ज कर ली है और रिकार्ड को जब्त कर के जाँच शुरू कर दी है।NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो मौखिक शिकायत के आधार पर शिशु गृह का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उस दौरान उन्होंने पाया कि बच्चों की पहचान में बदलाव किया गया है। बच्चों ने भी उन्हें बताया कि पहले उनके नाम अलग थे, लेकिन यहां उनकी पहचान में बदलाव किया गया है।

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