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ओंकारेश्वर में शंकराचार्य की १०८ फ़ीट ऊंची प्रतिमा लगाने का निर्णय

मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में अष्टधातु से बनी आदि शंकराचार्य की १०८ फीट ऊंची प्रतिमा ५४ फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित की जाएगी। मूर्ति को ‘कमल’ के आकार के करीब २७ फीट ऊंचे बेस पर खड़ा किया जाएगा। आदि शंकराचार्य की प्रतिमा की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग २८० मीटर (९१८ फीट) होगी। स पर लगभग दो हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस सम्बन्ध में ‘शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास’ के न्यासी मंडल की बैठक शनिवार को शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में हुई जिसमें शंकराचार्य की प्रतिमा, संग्रहालय व अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान के संबंध में हुई चर्चा हुई। बैठक में महामंडलेश्वर आचार्य अवधेशानंद सहित कई संत रहे उपस्थित रहे। इस दौरान इस पूरे प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य शंकर की ज्ञान भूमि ओंकारेश्वर का प्रकल्प अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसे एकात्मता की प्रतिमा ‘ नाम दिया गया है। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि प्रतिमा स्थापना सहित अन्य कार्यों के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन बनाने के लिए वास्तुविद सलाहकार की नियुक्ति कर ली गई है। ओंकारेश्वर में किए गए कार्यों के बाद यहां टेंपल टाउन की छवि विकसित होगी। ओंकारेश्वर प्रकल्प के लिए ५८.३० हेक्टेयर भूमि उपलब्ध हुई है। मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास ‍निगम को मैनेजमेंट और निर्माण एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। प्रस्तावित प्रोजेक्ट के अस्थायी प्रदर्शन के लिए मॉडल तैयार किया जा रहा है।

गुरुकुल समेत सात केंद्र होंगे संचालित

आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान,अंतरराष्ट्रीय शोध केंद्र संदर्भ केंद्र और समन्वय केंद्र होगा। संस्थान के अंतर्गत सात केंद्र (स्कूल) स्थापित किए जा रहे हैं। इस केंद्र का मुख्य द्वार जगन्नाथ पुरी मंदिर के द्वार जैसा तैयार किया जाएगा। शेष संरक्षण पूर्वी भारत के वास्तु विद एवं कलात्मक शैली के अनुसार किया जाएगा। सात केंद्रों में आचार्य हस्तामलक अद्वैत विज्ञान केंद्र, आचार्य सुरेश्वर अद्वैत सामाजिक विज्ञान केंद्र, आचार्य तोटक अद्वैत संगीत एवं कला केंद्र, महर्षि वेदव्यास अद्वैत ग्रंथालय, आचार्य गौड़पाद अद्वैत विस्तार केंद्र और आचार्य गोविंद भगवत्पाद अद्वैत गुरुकुलम् हैं। इनमें अलग-अलग मठ और पीठ की विभिन्न रूपों में झलक भी देखने को मिलेगी।

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