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बाघ से लड़े एशिया चैम्पियन बॉक्सर विमल पुनेरा

कैप्टन सुंदरचंद ठाकुर

दो दिन पहले गुरू पूर्णिमा थी, पर मुझे गुरू होने का उपहार आज मिला है। सुबह-सुबह मेरे शिष्य विमल पुनेरा का पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) से फोन आया कि अंकल आज सुबह दौड़ने निकलते हुए बाघ ने ‘जोजो’ पर अटैक कर दिया। मैंने उसे नान-चाक के एक ही वार से भगा दिया।


मुझे समझ नहीं आया कि वह क्या बताने की कोशिश कर रहा है। बाघ का हमला करना छोटी बात न थी। और उसके हमला करने पर पहली प्रतिक्रिया खुद को बचाने की होती है। उस पर पलटकर हमला तो बहुत विरले ही करते हैं। अपनी संतान अगर खतरे में हो, तो ही हमला करने की हिम्मत आती है अन्यथा बाघ से तो बचकर भागा जाता है। मैंने उसे विस्तार से बताने को कहा कि कितने बजे उठा, क्या कर रहा था, बाघ ने कहां से हमला किया, कुत्ते की क्या प्रतिक्रिया थी, तुम्हें को डर नहीं लगा क्या?

उसने फिर मुझे तफ्सील में बताना शुरू किया – अंकल मैं रोज सुबह दौड़ने निकलता हूं, तो अपने प्यारे कुत्ते जोजो को साथ लेता हूं। बाघ का डर रहता है, तो नानचाकू ले लेता हूं। मैं पुनेड़ी गांव में अपने घर के आंगन से निकल ही रहा था कि अचानक बाघ ने जोजो पर हमला कर दिया। जितनी तेजी से उसने उस पर हमला किया, उतनी ही फुर्ती से मैंने उस पर नानचाकू का जोरदार वार किया। मेरा प्रहार उसकी गर्दन पर लगा और वह तुरंत जोजो को छोड़ एक क्षण को नीचे गिरा और फिर उठकर भाग गया। जोजो को बस थोड़ा चेहरे पर और पुट्ठों में चोट आई।

मैंने उससे पूछा-तुझे डर नहीं लगा क्या? वह तुरंत बोला अंकल आपने क्या मुझे डरना सिखाया है? आप ही तो मुझे स्वामी विवेकानंद की बातें सिखाते हो, आपने ही तो मुझे लड़ना बताया है, आपके माइंडफिट चैनल से जुड़कर मैंने अपने जीवन को एक नई दिशा, एक नई राह दी है। इस राह पर डरना मना है।

यह मेरे लिए एक भावुक करने वाली बात थी। मुझे विमल की कर्मठता और समर्पण पर, पहले से गर्व था, लेकिन आज की घटना ने मेरा दिल जीत लिया। कुछ दिनों पहले उसने अपने इसी कुत्ते के साथ बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करने का एक विडियो भी डाला था। निस्संदेह वह जोजो से बहुत प्यार करता है। यही प्यार था कि उसने बाघ के हमला करने पर एक क्षण के लिए भी खुद को बचाने के बारे में नहीं सोचा बल्कि उसकी सारी चिंता जोजो को बचाने की थी। ऐसा शिष्य पाकर कोई भी गुरू धन्य महसूस करेगा। विमल ने मेरा दिन बना दिया। ऐसे बहादुर शिष्य को मैं सैल्यूट करता हूं।

{ कैप्टन सुंदरचंद ठाकुर ‘नवभारत टाइम्स’ मुंबई के स्थानीय सम्पादक ,देश -विदेश में अनेक मैराथन दौड़ सैन्य अधिकारी, कवि , उपन्यासकार एवं मोटिवेशनल स्पीकर हैं।उनके अनेक शिष्य खेलकूद में देश का नाम चमका रहे हैं जिनमें क्रिकेटर उन्मुक्तचंद तथा विमल पुनेरा प्रमुख हैं। )

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