CultureNews

गाय के गोबर से बनेगा पेंट और डिस्टेम्पर

गाय के गोबर को प्रासेस करके उसे काफी पतला कर दिया जाएगा. उसमे से करीब चालीस फीसदी  तरल पदार्थ को अलग कर लिया जाएगा. इस तरल पदार्थ में से टाईटेनियम डाई-ऑक्साइड, कैल्शियम कार्बोनेट, थिनर और प्राकृतिक रंग मिलाकर पेंट बनाया जाएगा.

वाराणसी में अब गाय के गोबर से डिस्टेंपर और पेंट बनाया जाएगा. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के मार्गदर्शन में इसको बनाया जाएगा. अनुमान है कि आगामी 15 जून से पेंट और डिस्टेम्पर का उत्पादन शुरू हो जाएगा. सौ से अधिक गोशालाओं से गोबर खरीदने के लिए संपर्क किया गया है.

गाय के गोबर को प्रासेस करके उसे काफी पतला कर दिया जाएगा. उसमे से करीब चालीस फीसदी  तरल पदार्थ को अलग कर लिया जाएगा. इस तरल पदार्थ में से टाईटेनियम डाई-ऑक्साइड, कैल्शियम कार्बोनेट, थिनर और प्राकृतिक रंग मिलाकर पेंट बनाया जाएगा. इसे बाजार में उपलब्ध कराने के लिए फिलहाल इंतजाम कर लिया गया है. इस पेंट  को खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के शोरूम पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. पहले चरण में  सफेद डिस्टेंपर और पेंट बाजार में लाया जाएगा. इस पेंट की ख़ास बात यह है कि दीवार के साथ ही लोहे की रॉड को भी पेंट किया जा सकता है.

गाय के गोबर से निर्मित इस पेंट का उत्पादन आगामी 15 जून से किया जाएगा. जानकारी के अनुसार प्रदेश में पहली बार गोबर से पेंट निर्मित किया जाएगा.  फिलहाल इसका  उत्पादन वाराणसी में ही शुरू किया जाएगा. वाराणसी के सेवापुरी में 15 जून से प्लांट में गाय के गोबर से डिस्टेंपर और पेंट का उत्पादन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. आम तौर जो पेंट बाजार में पहल से उपलब्ध हैं. उसकी अपेक्षा यह पेंट सस्ता होगा.

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक डीएस भाटी के अनुसार, गोपालकों से 5 रूपये प्रति किलो की दर से गोबर लिया जाएगा.  इससे गाय का गोबर की उपयोगिता बढ़ेगी. रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे. गाय के गोबर से निर्मित पेंट, पर्यावरण के बिल्कुल अनुकूल, एंटी बैक्ट्रीरियल, एंटी फंगल, सामान्य पेंट के मुकाबले  सस्ता और गंधरहित रहेगा.

सौजन्य : पाञ्चजन्य

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button