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‘लव जेहाद’ से लहूलुहान होता महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में ‘लव जेहाद’ बड़ी तेजी से बढ़ रहा है और इसको मुस्लिम संगठनों तथा मस्जिदों द्वारा आर्थिक सहायता एवं प्रोत्साहन राशि देकर नयी गति दी जा रही है। पिछले दिनों विधानसभा सत्र में विधायक नीतेश राणे ने इस बात का भंडाफोड़ किया था कि ‘लव जेहाद’ के लिए मुस्लिम लड़कों को पांच से दस लाख रूपये दिए जाते हैं और इसका उद्देश्य हिन्दू लड़कियों को मुसलमान बनाना तथा हिन्दुओं की संख्या कम करना है ताकि गजवा -ए -हिन्द के लक्ष्य को शीघ्रातिशीघ्र पाया जा सके (देखें https://www.youtube.com/watch?v=pLO0kKd8_dM )। विधायक राणे ने विधानसभा को बताया ‘हिन्दू तरुणी से निकाह करने पर 5 लाख रूपये, सिख तरुणी से विवाह करने पर 5 -7 लाख रूपये , ब्राह्मण तरुणी से निकाह करने पर 5 लाख ,क्षत्रिय तरुणी से निकाह करने पर 4 -4.5 लाख रूपये मुस्लिम लड़कों को दिये जाते हैं (देखें https://hindi.thequint.com/news/india/controvesry-over-marriage-card-people-said-love-jihad-marriage-had-to-be-postponed#read-more , https://www.youtube.com/watch?v=kwmxdMxQNVg)। इसके अलावा हिन्दू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाने के लिए उनको मोटरसाइकिल तथा पेट्रोल भी दिए जाते हैं। उन्होने महाराष्ट्र में भी उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की तरह मतांतरण एवं लवजेहाद रोकने के लिए कठोर कानून बनाने की मांग की जिसे तत्कालीन मंत्री असलम शेख तथा विधायक अबू आसिम आजमी ने ठुकरा दिया।

महाराष्ट्र के मंत्री असलम शेख और विधायक अबू आसिम आजमी ने जिस तत्परता से राणे के प्रस्ताव का विरोध किया वह मुसलमानों द्वारा संगठित रूप से ‘लव जेहाद ‘ को बढ़ावा दिये जाने का संकेतक है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल से भेंट कर महिलाओं से जुड़े हुए मुद्दों पर बात की तथा राज्य में बढ़ रहे ‘लव जिहाद’ के मामलों पर भी चिंता व्यक्त की। रेखा शर्मा ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में लव-जिहाद के मामले बढ़े हैं और इस पर राज्य सरकार को विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है।

भारत के रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस कमिश्नर द्वारा जारी वर्ष 2015 की जनगणना के अनुसार 2001-2011 में हिंदुओं की आबादी में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी और मुसलिमों की जनसंख्या 0.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। जिस गति से हिन्दू लड़कियों को बहला -फुसलाकर ‘निकाह’ तथा ‘वेडिंग’ के नाम पर उनका मतांतरण किया जा रहा है हिन्दुओं में लडके -लड़कियों का लिंगानुपात अंतर तेजी से बढ़ रहा है। लिंग अनुपात में ज्यादा अंतर आएगा तो इसका समाज पर बुरा प्रभाव पड़ेगा , अनेक युवकों का विवाह नहीं होगा तो लोग मानसिक रूप से विकृत होंगे।जिसका असर कहीं ना कहीं समाज पर पड़ेगा.अप्राकृतिक कृत्य भी बढ़ (Impact on society due to falling sex ratio in Chhattisgarh) जाएंगे .इसलिए लिंग अनुपात संतुलन बना रहना चाहिए.(देखें https://www.etvbharat.com/hindi/chhattisgarh/city/raipur/fast-falling-sex-ratio-in-chhattisgarh/ct20220715201153955955876 ) आंकड़ों में यह बात भी सामने आई है कि 0.29 करोड़ आबादी ने अपना धर्म नहीं बताया था देश की कुल आबादी में जुड़ने वाले हिंदुओं की संख्या में 3.16 प्रतिशत की कमी आई है जबकि मुसलमानों की आबादी 29.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। भारत में मुसलमानों की दर अब भी हिंदुओं की जनसंख्या वृद्धि दर से अधिक है, ईसाइयों की जनसंख्या वृद्धि दर 15.5 फ़ीसद, सिखों की 8.4 फ़ीसद, बौद्धों की 6.1 फ़ीसद और जैनियों की 5.4 फ़ीसद है। पीटीआई के मुताबिक़ 2001 से 2011 के बीच मुसलमानों की आबादी 0.8 फ़ीसद बढ़ी हैं तो हिंदुओं की आबादी में 0.7 फ़ीसद की कमी दर्ज की गई.वहीं 29 लाख लोगों ने जनगणना में अपने धर्म का जिक्र नहीं किया।

पुणे स्थित ‘राइट टू लव’ संगठन इंटर-फेथ विवाह करनेवाले कपल्स को कानूनी सुरक्षा और सहयोग देने का काम करता है। उसके के संयोजक के. अभिजीत ने लव जिहाद के कथित मामलों में बालिग कपल्स और उनके परिवार को धमकानेवालो के खिलाफ महाराष्ट्र के गृहमंत्री और पुणे पुलिस आयुक्त के पास CID जांच की मांग की है।अभिजीत का कहना है कि इससे पहले भी विवाह नोटिस की जानकारी का दुरुपयोग कर कई कपल्स को धमकाया गया है. जिस वजह से कपल्स के राइट टू प्राइवसी का सवाल खड़ा होता है।’राइट टू लव’ के एडवोकेट विकास शिंदे ने महाराष्ट्र के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन श्रावण हर्डिकर को निवेदन देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए पब्लिक डोमेन में कपल्स की जानकारी सांझा करने पर रोक लगाने की मांग की। उनके अनुसार यह जबरन धर्म परिवर्तन का मामला नहीं है (देखें https://www.aajtak.in/india/maharashtra/story/nashik-wedding-matter-muslim-boy-hindu-girl-love-jihad-angle-marriage-cancel-ntc-1289825-2021-07-13 )। लेकिन व्यवहार में अभिजीत और एडवोकेट शिंदे सही नहीं हैं। मुस्लिमों में निकाह ‘मुस्लिम ‘के साथ ही हो सकता है ऐसा मौलवियों का दावा है इसलिए अगर कोई हिन्दू लड़की किसी कारण से मुस्लिम लडके से निकाह करती है तो स्पष्ट है कि उसको पहले अपना मत -परिवर्तन करना होता है।

निकाह करते ही हिन्दू लड़की मुस्लिम बन जाती है और उसपर इस्लामी कानून लागू होता है जिसमें पति को ‘और तीन विवाह की अनुमति’,’ तीन तलाक’ , ‘शरिया कानून’ की बाध्यता शामिल है। निकाह के बाद बुरखा और बुरखे के बाद शोषण का सिलसिला शुरू हो जाता है। इसमें हलाला , बहुत सारे बच्चे जानेमाने की मशीन बन जाना जैसी कुरीतियों को मानना भी बाध्यकारी होता जाता है।अनेक बार 2 -3 बच्चे के बाद वह हिन्दू से मुस्लिम बना दी गयी महिला घर में उपेक्षित कर दी जाती है अथवा निकाल बाहर की जाती है।

22 साल की एक लड़की अपने फिटनेस के लिए जिम जाती है। साहिल खान नाम का फिटनेस ट्रेनर उससे साहिल सिंह के नाम से मिलता है। उसे भावनात्मक तौर पर अपने से जोड़ता है।अपने घर पर छूठा दुख दर्द बताकर उससे हजारों रुपए ऐंठता है। प्यार भरा जीवन का झांसा देकर लड़की की मां-बाप की जानकारी के बगैर उससे शादी करता है। शादी करने के बाद लड़की के पैरों चले जमीन खिसक जाती है तब उसे पता चलता है कि जिसने उससे शादी की वो साहिल सिंह ने बल्कि साहिल खान है। फिर शुरु होता है लड़की को प्रताड़ित करने का सिलसिला और आखिर में जब लड़की उससे पीछा छुराना चाहती है तो आरोप है कि साहिल खान 25 लाख रुपए की मांग करता है। ये पूरी घटना नोएडा के सेक्टर 15ए में रहने वाली एक लड़की के साथ घटी है। इतना ही नहीं साहिल खान ने मुस्लिम होते हुए हिन्दू नाम से आधार कार्ड और दूसरे दस्तावेज भी बनवा लिए। नोएडा पुलिस ने आरोपी साहिल खान के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

उत्तर प्रदेश के ही बागपत में लवन जिहाद के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डाक्टर और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। महिला ने डाक्टर पर पहचान छिपाकर शारिरिक शोषण करने और शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने के लिए दवाब बनाने का आरोप लगाया था। हाल ही में भोपाल में लव जिहाद का मामला सामने आया था जिसका खुलासा तब हुआ जब पीड़ित लड़की की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। यूपी के झांसी में रहने वाली एक नाबालिग लड़की को भोपाल का एक लड़का करीब डेढ़ साल पहले बहला-फुसलाकर ले आया था। भोपाल आने के बाद लड़की का हिन्दू नाम बदलकर तरन्नुम कर दिया।

दूसरे धर्मों की युवतियों खासकर हिंदू युवतियों से मुस्लिम युवकों द्वारा जबरिया, प्रलोभन देकर या धोखाधड़ी पूर्वक किए जाने वाले विवाहों के मामले सामने आते रहे हैं।लव जिहाद का मुद्दा एनसीआर के नोएडा ही नहीं बल्लभगढ़ की निकिता हो या कानपुर से लेकर इंदौर तक, भोपाल से लेकर बागपत तक जिधर भी देखो ‘लव जिहाद’ की खबर सामने आ रही है। साहिल खान साहिल सिंह बन जाता है और एक मासूम को अपने प्यार के जाल में फंसाता है और फिर एक शर्मनाक खेल खेला जाता है। ये खेल बागपत, भोपाल, केरल, इंदौर देश के हर कोने में होता है। ऐसे में क्या इस पर देशव्यापी कानून बनने का वक्त आ चुका है। दरअसल, दूसरे धर्मों की युवतियों खासकर हिंदू युवतियों से मुस्लिम युवकों द्वारा जबरिया, प्रलोभन देकर या धोखाधड़ी पूर्वक किए जाने वाले विवाहों के मामले सामने आते रहे हैं। इसके अलावा युवतियों द्वारा इंकार करने पर उनकी जघन्य हत्याएं भी हुई हैं। हरियाणा के बल्लभगढ़ में कथित लव जिहाद की आड़ में हुई युवती की हत्या इसका ताजा उदाहरण है।

बता दें कि स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 की धारा 6 और 7 के तहत कपल को शादी से 30 दिन पूर्व नोटिस जारी करनी पड़ती है। इस कानून के तहत दो अलग-अलग मत के लोग अपने मत को बदले बिना रजिस्टर्ड शादी कर सकते हैं।इससे पहले मैरिज रजिस्ट्रार के पास फॉर्म जमा करना होता है।शादी से 30 दिन पहले नोटिस पब्लिश होता है कि उन्हें शादी करनी है ताकि किसी को इस शादी से आपत्ति है, तो रजिस्ट्रार के पास शिकायत दर्ज कर सके। इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ खंडपीठ ने जनवरी 2021 में दिये एक आदेश में कहा कि अंतर-मत विवाह कर रहे जोड़ों को विवाह नोटिस को पब्लिश करना अनिवार्य नहीं होगा,ये नोटिस वैकल्पिक होगा।इस आदेश का परिणाम यह है कि बालिकाओं को ‘नोटरी द्वारा निकाहनामा’ का पर्चा थमाकर मुस्लिम लडके विवाह बंधन में चुपके से फांस लेते हैं।भोली -भली लड़कियां उनपर विश्वास कर लेती हैं और उनको धोखे का सामना तब करना होता है जब वे गर्भवती हो जाती है। ये छली गयी लड़कियां यदि विरोध करती हैं तो ‘सूटकेस’ में बंद मिलती हैं अथवा वेश्यावृति जैसे पेशे में चली जाती हैं क्योंकि प्रायः हिन्दू परिवार उनको नहीं अपनाता।

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