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अब संस्कृत, अंग्रेजी में भी कीर्तन

आलंदी। कीर्तन परम्परा के प्रचार -प्रसार और विस्तार के लिए जानकाई वेदांत स्वाध्यायी प्रतिष्ठान द्वारा आगामी २६अप्रैल से ३ मई तक बहुभाषाई कीर्तन महोत्सव का आयोजन किया जाएगा जिसमें देश भर से पधारे कीर्तनियों द्वारा संस्कृत, मराठी, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में कीर्तन प्रस्तुत किये जायेंगे।


महाराष्ट्र के वारकरी सम्प्रदाय में कीर्तन का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। उस परम्परा को विश्वभर में फैलाने के लिए आलंदी के वरिष्ठ कीर्तनकार सुभाष महाराज ने बहुभाषिक कीर्तन महोत्सव की संकल्पना साकार करने की दिशा में पहल की। उनके निमंत्रण पर, काशी हरिद्वार, ऋषिकेश के विद्वानों द्वारा संस्कृत में कीर्तन किया जाएगा जिसका उद्देश्य सभी भाषाओं की जननी संस्कृत को घर -घर तक पहुंचाना है। वारकरी कीर्तन परम्परा को देश के विभिन्न भागों में घर- घर तक पहुंचाने के लिए राज्य के प्रसिद्द कीर्तनकार अपनी प्रस्तुतियां हिंदी में भी देंगे। सभी संतों के विचार को विश्व भर में कीर्तन के माध्यम से फैलाने के लिए अंग्रेजी भाषा में भी कीर्तन किया जाएगा।


२६ मई से ३ जून तक काकड़ा आरती और हरिपाठ का आयोजन होगा। उस काल में नित्य सुबह के दस बजे से साढ़े ग्यारह बजे तक संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में कीर्तन होगी और नित्य शाम छह बजे से रात्रि आठ बजे तक मराठी भाषा में कीर्तन का आयोजन होगा। दोपहर को चार सत्रों में ज्ञानेश्वरी के १८ अध्यायों का प्रवचन होगा उसके बाद काकड़ आरती , हरिपाठ होगा जिसको ऑनलाइन प्रसारित भी किया जाएगा।

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