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क्या फिर शिक्षण संस्थानों में स्लीपर सेल चला रहे हैं आतंकी संगठन !

हैदराबाद में हिमांक बंसल की बुरी तरह पिटाई करउसके पर्स छीनने में शामिल २० गुण्डेनुमा विद्यार्थियों की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।

क्या शिक्षण संस्थानों पर मुस्लिम आतंकी संगठनों का फिर से कब्जा होता जा रहा है ? यह प्रश्न एक बार फिर हैदराबाद की घटना से उभरा है जिसमें हिमांक बंसल नामक विद्यार्थी को २० मुस्लिम गुंडे विद्यार्थियों ने न केवल लोहे की सरिया और लात -घूंसों से बुरी तरह पीटा बल्कि उसके पर्स भी छीन लिए और उसकी पेण्ट उतारने का भी प्रयास किया। उन गुंडेनुमा मुस्लिम विद्यार्थियों ने हिमांक की एक व्हाट्सएप्प चैट के कारण उसकी बुरी तरह पिटाई की और उसको ‘अल्लाह हो अकबर’ के नारे लगाने को विवश किया।

उल्लेखनीय है कि इसी तरह की घटनाओं को जालंधर के सी टी इंस्टिट्यूट में अंजाम दिया जाता था , 4 साल पहले जब पंजाब और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने वहां संयुक्त कार्रवाई की तो विद्यार्थी के रूप में छिपे अलकायदा से जुड़े कश्मीरी आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीएच) के तीन आतंकियों को इसी इंस्टीट्यूट के हॉस्टल से पकड़ा गया था। तीनों यहां लगभग तीन साल से स्लीपर सेल चला रहे थे।

https://www.jagran.com/punjab/jalandhar-city-prophet-mohammad-controversy-kashmiri-students-hungama-in-jalandhar-college-as-girl-supports-nupur-sharma-in-post-22 और https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/ct-institute-kashmiri-muslim-students-misbehave-with-hindu-girl-police-deployed-129922004.html

हिमांक को पीटनेवाले गुंडेनुमा मुस्लिम छात्रों को दीपाशा के साथ उसकी व्हाट्सप्प पर हुई बातचीत का पता कैसे लगा ? क्या वहां कोई डिवाइस इन गुंडों ने लगाया हुआ है ? क्या दीपाशा ने उस बातचीत का स्क्रीनशॉट पब्लिक प्लेटफॉर्म पर स्वयं वायरल किया था या इन गुंडों ने उसके मोबाइल से वायरल कराया और इसके बाद ही हिमांक को पीटने आ गए ? अगर गुस्सा पैगंबर पर की कथित टिप्पणी थी तो उन्होने हिमांक का पर्स क्यों छीना ? उसके फोन से उसके माता -पिता को धमकियां क्यों दी ? ये कुछ प्रारंभिक प्रश्न हैं जो अपराधी मुस्लिम छात्रों की नीयत पर संदेह उत्पन्न करते हैं और हैदराबाद के शिक्षण संस्थानों में मुस्लिम मकड़जाल का संकेत देते हैं।

इस तरह की घटनाओं में सिर्फ मुस्लिम विद्यार्थी ही नहीं बल्कि मुस्लिम शिक्षक भी आपराधिक आचरण करते पाए गए हैं। अलीगढ के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में एक विद्यार्थी भगवा गमछा लगाकर आया तो उसको प्रोफेसर सलाउद्दीन ने उसको भगवा गमछा उतारने के लिए दवाब डाला जबकि उसी कक्षा में बीसियों मुस्लिम छात्र टोपी पहने हुए थे लेकिन उनकी टोपी उतरवाने के लिए सलाउद्दीन ने कोई पहल नहीं की।

( देखें लिंक https://www.abplive.com/states/up-uk/aligarh-hindu-students-wearing-a-gamchha-came-to-protest-against-the-burqa-in-the-college-ann-2081341)

हिमांक की पिटाई करते हुए उसका वीडियो इन गुंडों ने ही बनाया और उसको सोशल मीडिया पर जरी किया तो इसका स्पष्ट संकेत है ये आतंक फैलाकर हिन्दुओं को डराना चाहते हैं , कोई अन्य उद्देश्य तो इसका हो नहीं सकता ? इन पंक्तियों के लिखे जाने तक नामजद बीसों मुस्लिम गुण्डेनुमा विद्यार्थियों की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।

याद दिला दे की कुछ समय पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमो की हालत पर बयान दिया था, उन्होंने कहा था यहां तो सड़क पर चलते कुतों की भी इज्जत है, लेकिन अफसोस मुसमलानों की इज्जत नहीं है। मुस्लिमों को लगातार सियासी हितों के नाम पर निशाना बनाया जा रहा है। सर्वे के नाम पर हमारे मदरसों पर प्रहार किए जा रहे हैं। ऐसा करके मदरसों को निशाने पर लिया जा रहा है। हमारी परंपरा पर कुठाराघात किया जा रहा है।उनके गृहनगर में हिमांक पर हुए आघात पर उनकी बोलती बंद है।

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